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मेन्सट्रूअल हेल्थ

मेन्सट्रूअल हेल्थ से आप क्या समझते हैं?

मेन्सट्रूअल साईकल से तात्पर्य मेन्सट्रूअल साईकल या पीरिअड्स के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य से है, जिसमें शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक पहलू शामिल हैं। पीरिअड साईकल आम तौर पर लगभग 28 दिनों तक चलती है लेकिन 21 से 35 दिनों तक भिन्न हो सकता है। इसमें हार्मोनल परिवर्तन शामिल होते हैं जो शरीर को संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार करते हैं. मेन्सट्रूअल साईकल एक नए चक्र की शुरुआत का प्रतीक है।


मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान महिलाओं को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?

मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान कई महिलाओं को ऐंठन, सूजन, मूड में बदलाव, पेट के निचले हिस्से में दर्द और थकान जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। कुछ महिलाओं को चक्र के दौरान बुखार, मुँहासे, अनिद्रा का सामना करना पड़ता है।


मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान होने वाली समस्याओं से कैसे निपटें?

मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान होने वाली समस्याओं को अक्सर जीवनशैली में बदलाव के साथ प्रबंधित किया जा सकता है। मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान विशिष्ट योगाभ्यास ऐंठन से राहत दिलाता है क्योंकि यह मांसपेशियों को ढीला करता है। गर्म पानी की बोतल का उपयोग करने से भी पेट दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। हल्के दर्द निवारक और पेरासिटामोल का सेवन भी मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान समस्याओं का मुकाबला करने में मदद करता है।


मेन्सट्रूअल साईकल चक्र के दौरान कैसा क्या खाएं?

मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान स्वस्थ आहार लेना चाहिए जैसे उच्च पानी की मात्रा वाले फल जैसे तरबूज, जो सूजन को कम करता है और आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। अधिक मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन शरीर में आयरन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। स्वस्थ कैफीन के विकल्प और ग्रीन टी भी शरीर के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है।


मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान स्वच्छता का क्या महत्व है?

मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान संक्रमण को रोकने के लिए उचित मेन्सट्रूअल साईकल स्वच्छता प्रबंधन महत्वपूर्ण है। इसमें पैड, टैम्पोन या मेन्सट्रूअल साईकल कप जैसे सैनिटरी उत्पादों का उपयोग करना और उन्हें हर 4-5 घंटे के बाद बदलना शामिल है। संक्रमण को दूर रखने के लिए नहाना और प्राइवेट पार्ट्स को सादे पानी से साफ करना जरूरी है। वैजाइनल वॉश के इस्तेमाल से बचें क्योंकि ये अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं जो आपको रोगों से लड़ने में मदद करते हैं.


मेन्सट्रूअल साईकल से जुड़े अन्धविश्वास कौनसे हैं और क्या करें?

  • 1.जिस महिला को पीरिअड्स हो रहे हों उसे वो उन दिनों अछूत मानी जाती है.ये एक कुप्रथा है जो कि मानवाधिकार के खिलाफ है और जो कि भेदभाव को बढ़ावा देती है. ये किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है और इसमें रत्ती भर भी विश्वास नहीं करना चाहिए.
  • 1.जिस महिला को पीरिअड्स हो रहे हों उसे वो उन दिनों अछूत मानी जाती है.ये एक कुप्रथा है जो कि मानवाधिकार के खिलाफ है और जो कि भेदभाव को बढ़ावा देती है. ये किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है और इसमें रत्ती भर भी विश्वास नहीं करना चाहिए.
  • 3. किसी पुरुष के साथ कैसा भी संपर्क महिला गर्भवती कर सकता है। पुरुष और महिला के बीच सेक्सुअल इंटरकोर्स ही महिला को गर्भवती बना सकता है। इसलिए, इस मिथक पर कभी विश्वास न करें।
  • 4. महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अपने बाल नहीं धोने चाहिए। पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई सबसे ज्यादा जरूरी है।
  • 5. पीरियड्स के दौरान काजल न लगाएं। अगर आप बाकी दिनों में काजल लगा सकती हैं तो पीरियड्स के दौरान क्यों नहीं।
  • 6. पीरियड्स के दौरान दही का सेवन ना करें. कैल्शियम शरीर के लिए जरूरी है लेकिन रात के समय या ठंडी दही का सेवन करने से बचें।.
  • 7. बाहर रहें और बिस्तर पर न सोएं। आपको अपनी दैनिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान हर संभव आराम की चीज़ होनी चाहिए।
  • 8. पीरियड्स के दौरान अचार को छूने से अचार खराब हो जाता है. यह फिर से स्वच्छता के बारे में ही है। इसे छूने से आपको मसालेदार अचार खाने की इच्छा हो सकती है लेकिन यह तब तक खराब नहीं होगा जब तक आप इसे सूखे और साफ हाथों से ही छूते हैं। पीरियड्स के दौरान मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचें क्योंकि इससे एसिडिटी हो सकती है।


हार्मोनल असंतुलन के कारण शरीर में कौनसे विकार उत्पन्न हो सकते हैं? क्या हैं लक्षण ?

हार्मोनल उतार-चढ़ाव मूड और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इन चुनौतियों को पहचानना और उनका समाधान करना महत्वपूर्ण है। महिलाओं को मेन्सट्रूअल साईकल संबंधी विकारों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे अनियमित पीरियड्स, बहुत कम रक्तस्राव या भारी रक्तस्राव (मेनोरेजिया), दर्दनाक पीरियड्स (कष्टार्तव), और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी स्थितियां। अक्सर इस प्रकार के विकारों के लक्षण वजन बढ़ना, अनिद्रा, त्वचा संबंधी समस्याएं, बाल झड़ना, अत्यधिक और बदबूदार योनि स्राव, शरीर पर अत्यधिक बाल, मेन्सट्रूअल साईकल के दौरान असहनीय पेट दर्द होते हैं।


कौन सी गंभीर बीमारियाँ महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं? क्या हैं लक्षण ?

सर्वाइकल कैंसर एक बहुत ही गंभीर बीमारी है जिसका अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह महिला के प्रजनन स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।

लक्षण: :

  • कभी-कभी आपको कोई लक्षण नहीं हो सकता है, लेकिन कुछ महिलाओं को अनुभव हो सकता है:
  • 1. दर्द वाले क्षेत्र: पेल्विक एरिया में दर्द।
  • 2. दर्द की परिस्थितियाँ: संभोग के दौरान हो सकती है।
  • 3. पीरियड: अनियमित पीरियड्स, ज़्यादा रक्तस्राव।
  • 4. ग्रोइन: योनि से असामान्य रक्तस्राव या सफेद पानी आना।
  • 5. यह भी आम है: थकान, मतली, या वजन कम होना।

टीकाकरण, समय पर उपचार और नियमित जांच से सर्वाइकल कैंसर की जटिलताओं को रोका जा सकता है।


एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण का समय पर इलाज न किया जाए तो यह भी खतरनाक है।

  • 1. चपटे घाव या त्वचा की चोटें।
  • 2. छोटे फूलगोभी जैसे उभार या छोटे तने जैसे उभार या मस्से ।
  • 3. महिलाओं में, ज्यादातर प्राइवेट पार्ट के पास मस्से दिखाई देते हैं, लेकिन गुदा के पास, गर्भाशय ग्रीवा पर या प्राइवेट पार्ट के अन्दर भी मस्से हो सकते हैं।

टीकाकरण, समय पर उपचार और नियमित जांच से एचपीवी संक्रमण की जटिलताओं को रोका जा सकता है।


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